पंकज अपने गांव सेखूपुरा सहारनपुर में अपने खेत में थ्रेशर मशीन पर काम कर रहा था तभी अचानक पंकज की दाहिनी बाँह थ्रेशर मशीन में फंस कर बुरी तरह कुचल गई। पंकज के दाहिने बाजू की दोनों हडिड्यां फ्रेक्चर हो गई थी मांसपेशियां तथा त्वचा कुचली गई थी व खून की नाड़ियों को भी नुकसान पहुंचा था जिससे पंकज के बाजू तथा हाथ में खून पहुंचना बंद हो गया था और उसके दांयें बाजू के कोहनी के कटने का खतरा पैदा हो गया था।
देहरादून में काफी जगह से मना होने के बाद अंततः कैलाश अस्पताल में पंकज को डाॅ सचिन तेवतिया (चिकित्सा अधीक्षक, कैलाश हाॅस्पिटल) के मार्गदर्शन में ट्रामा टीम जिसमें कि सीनियर आॅर्थोपेडिक डाॅ. विनीत त्यागी, सीनियर प्लास्टिक सर्जन डाॅ. हरीश घिल्डियाल एवं चीफ इंटेंसिविस्ट डाॅ. संजीव निवारगी द्वारा देखा गया।
कैलाश अस्पताल में ट्रॉमा टीम के द्वारा 12 घंटे चले माइक्रोवैस्कुलर ऊतक स्थानांतरण सर्जरी को सफल अंजाम दिया। पंकज की बाजू पर स्किन ग्राफटिंग का सफल आॅपरेशन किया गया। पंकज की सभी पुनर्रचना संबंधी सर्जरियां सफल रही तथा वह तेजी से सामान्य हो रहा है।
अधिक पढ़ें : क्लिक करें